This is a Hindi translation of the book ‘Spiritual Life of the Householder’.
रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन के वर्तमान अध्यक्ष, परम पूज्य स्वामी रंगनाथानन्दजी, ने विभिन्न अवसरों पर दो प्रभावशाली प्रवचन ‘गृहस्थ धर्म’ तथा ‘एक आदर्श गृहस्थ कैसे बनें’ इन विषयों पर दिये थे । अलग पुस्तिका के रूप में उनका प्रकाशन हुआ था । ‘गृहस्थ धर्म’ विषय पर पूज्य स्वामीजी ने हिन्दी में १२ अप्रैल, १९९२ को बिहार के छपरा नगर में रामकृष्ण अद्भुतानन्द आश्रम के समर्पण समारोह के उपलक्ष्य में जो भाषण दिया था, वह टेप-रिकार्ड पर आधारित हो अब छापा जा रहा है । ____१७ मई १९९८ को, रामकृष्ण मिशन, नई दिल्ली में, स्वामी रंगनाथानन्दजी ने अंग्रेजी में ‘एक आदर्श गृहस्थ कैसे बनें’ विषय पर एक वक्तृता दी थी । पूज्य स्वामीजी ने इन वक्तृताओं को संशोधित एवं पुन: सम्पादित किया है।
इस दूसरे भाषण ‘एक आदर्श गृहस्थ कैसे बनें’ का हिन्दी में अनुवाद स्वामी उरुक्रमानन्द ने किया है । उन भाषणों को अब एकत्र कर एक नए ‘गृहस्थ का आध्यात्मिक जीवन’ नामक शीर्षक से प्रकाशित किया जा रहा है । हमें विश्वास है, आज समाज के शीघ्रता से बदलते परिवेश एवं परिस्थितियों के मध्य, हमारे गृहस्थ, जो अपने जीवन को गृहस्थाश्रम के सनातन आदर्श, मूल्यों एवं उच्च तत्त्वों के आधार पर गढ़ना चाहते हैं, इस लघु प्रकाशन में प्रबुद्ध विचार तथा प्रेरणा पाएँगे जो उनकी जीवन-यात्रा में सहायक सिद्ध होंगी।
हम इन वक्तृताओं के मूल प्रकाशक रामकृष्ण मिशन, नई दिल्ली, तथा श्रीरामकृष्ण अद्भुतानन्द आश्रम, छपरा, के आभारी हैं, जिन्होंने हमें इन दोनों वक्तृताओं को एक पुस्तिकाकार में छापने की अनुमति प्रदान की है ।
Grihastha ka Adhyatmik Jivan
15% Discount on Min.Order Rs.500
WEIGHT 70 g TAGS Spiritual Life
AUTHOR/BY Swami Ranganathananda
NO. OF PAGES 48
LANGUAGE Hindi
ISBN 9788175052086
BINDING Paperback
PUBLISHER Advaita Ashrama